मिर्ज़ा ग़ालिब का नाम आते ही दिल खुद-ब-खुद गहराई में डूब जाता है। उनकी शायरी इश्क़, तन्हाई, दर्द और फलसफ़े का ऐसा संगम है जो हर दिल को छू जाता है। उनके अल्फ़ाज़ आज भी उतने ही ज़िंदा हैं जितना इश्क़ और एहसास। पेश है कुछ मशहूर और दिल को छू लेने वाली Mirza Ghalib Shayari in Hindi।
💔 Mirza Ghalib Shayari on Ishq
हज़ारों ख्वाहिशें ऐसी कि हर ख्वाहिश पे दम निकले,
बहुत निकले मेरे अरमां, लेकिन फिर भी कम निकले।
दिल ही तो है न संग-ओ-ख़िश्त, दर्द से भर न आए क्यों,
रोएंगे हम हज़ार बार, कोई हमें सताए क्यों।
इश्क़ पर जोर नहीं है ये वो आतिश ‘ग़ालिब’,
कि लगाए ना लगे और बुझाए ना बने।
कोई उम्मीद बर नहीं आती,
कोई सूरत नज़र नहीं आती।
😢 Ghalib Shayari on Dard & Tanhai
ये ना थी हमारी किस्मत कि विसाल-ए-यार होता,
अगर और जीते रहते, यही इंतज़ार होता।
हुए मर के हम जो रुसवा, हुए क्यों न ग़र्क-ए-दरिया,
ना कभी जनाज़ा उठता, न कहीं मक़ाम होता।
दिल-ए-नादान तुझे हुआ क्या है,
आख़िर इस दर्द की दवा क्या है?
न था कुछ तो ख़ुदा था, कुछ न होता तो ख़ुदा होता,
डुबोया मुझको होने ने, न होता मैं तो क्या होता।
💬 Short Mirza Ghalib Shayari (Status Style)
हम को मालूम है जन्नत की हक़ीक़त लेकिन
दिल को ख़ुश रखने को ‘ग़ालिब’ ये ख़याल अच्छा है।
बाज़ीचा-ए-अत्फ़ाल है दुनिया मेरे आगे,
होता है शबो-रोज़ तमाशा मेरे आगे।
हमसे खुल जाओ तो ग़म बांट लिया जाए कुछ,
वरना हँसते हुए चेहरों में बहुत तन्हाई है।
बस कि दुश्वार है हर काम का आसान होना,
आदमी को भी मयस्सर नहीं इंसान होना।
✨ ग़ालिब के लफ़्ज़ आज भी जिंदा हैं
Mirza Ghalib Ki Shayari महज़ कुछ अल्फ़ाज़ नहीं, ये हर टूटे हुए दिल की आवाज़ है, हर आशिक़ की सच्चाई है और हर तन्हा रूह की सुकून है। इन शायरियों को आप स्टेटस में लगा सकते हैं या किसी खास को भेजकर अपने जज़्बात बयां कर सकते हैं।