नमस्कार दोस्तों, आज के इस Article के अंदर हम आपके साथ Neeraj Chopra Biography in Hindi के बारे में share करने जा रहे है। इस पोस्ट में आपको महान भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा के संपूर्ण जीवन के बारे में जानने को मिलेगा।
टोक्यो के ओलंपिक में भारत की तरफ से एथलीट में पहली बार Gold मेडल जीतकर नीरज चोपड़ा ने इतिहास ही रच दिया है।
ओलंपिक में जाने से पहले पुरे देश को इस खिलाड़ी से मेडल की बहुत ही ज्यादा उम्मीदें थी और इन्होने देश को निराश नही होने दिया और ओलंपिक के बिल्कुल आखिर में देश को गोल्ड मेडल दिया।
यह 7 अगस्त को भारत के लिए एक ऐतिहासिक दिन था, जब 23 वर्षीय नीरज चोपड़ा ओलंपिक में एथलेटिक्स में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय बने।
Neeraj Chopra Biography in Hindi
नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक 2020 में स्वर्ण पदक जीता है और एक अरब भारतीयों का दिल जीता है। वह विश्व चैंपियनशिप, ओलंपिक की उच्चतम श्रेणी में स्वर्ण जीतने वाले पहले एथलीट रहे है।
आइए पढ़ते है विस्तार से Neeraj Chopra Biography in Hindi के बारे में, इनका यह जीवन परिचय आपको जरूर प्रेरित करेगा।
Neeraj Chopra Birth, Family and Education
24 दिसंबर 1997 को हरियाणा के पानीपत जिले के खंडरा गांव में सतीश कुमार और सरोज देवी के घर जन्में चोपड़ा एक हरियाणवी किसान परिवार में पले-बढे।
उसकी दो बहनें है। उन्होंने चंडीगढ़ के दयानंद एंग्लो-वैदिक कॉलेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त की और वर्तमान में पंजाब के जालंधर में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी से कला स्नातक की पढ़ाई कर रहे हैं।
Neeraj Chopra Career
Neeraj Chopra बचपन में बहुत मोटे थे इसलिए उनके साथ के बच्चे चोपड़ा को बहुत चिढ़ाया थे, इसलिए उनके पिता ने उन्हें एक स्थानीय व्यायामशाला में दाखिला दिलाया।
बाद में, उन्हें पानीपत के एक जिम में नामांकित किया गया जहाँ भाला फेंकने वाले जयवीर चौधरी ने उनकी प्रतिभा को पहचाना और उनके पहले कोच बने।
एक साल तक जयवीर से ट्रेनिंग लेने के बाद 13 साल के चोपड़ा को पंचकूला के ताऊ देवी लाल स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में भर्ती कराया गया, जहां उन्होंने कोच नसीम अहमद की देखरेख में ट्रेनिंग शुरू की।
यहाँ से नीरज के जीवन का Turning Point शुरू होता है और इसके बाद वो जीवन में वो मुक़ाम हासिल करता है जिसके बारे में कोई सपने में भी नहीं सोच सकता था।
नीरज चोपड़ा की सफलता की कहानी
2014 में, चोपड़ा ने अपना पहला अंतरराष्ट्रीय पदक, बैंकॉक में युवा ओलंपिक योग्यता में एक रजत जीता।
इसके बाद 2015 अखिल भारतीय अंतर-विश्वविद्यालय एथलेटिक्स मीट में 81.04 मीटर के जूनियर वर्ग में विश्व रिकॉर्ड फेंक दिया गया।
इसके परिणामस्वरूप चोपड़ा को 2015 में राष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षण शिविर के लिए कॉलबैक मिला।
उन्होंने एनआईएस पटियाला में प्रशिक्षण के लिए 2016 की शुरुआत में पंचकुला छोड़ दिया।
उन्होंने 2016 के अंदर दक्षिण एशियाई खेलों में 84.23 मीटर के थ्रो के साथ स्वर्ण पदक को जीता है, जिससे उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय रिकॉर्ड की बराबरी की है।
पोलैंड में 2016 IAAF वर्ल्ड U20 चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने के बाद, भारतीय सेना ने चोपड़ा को नायब सूबेदार के पद के साथ राजपूताना राइफल्स में एक जूनियर कमीशंड अधिकारी के रूप में सीधी नियुक्ति की पेशकश की।
उन्हें औपचारिक रूप से दिसंबर 2016 में जेसीओ के रूप में शामिल किया गया था और बाद में उन्हें अपना प्रशिक्षण जारी रखने के लिए छुट्टी मिली।
2017 एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में, चोपड़ा ने स्वर्ण पदक जीता।
इसके बाद 2018 राष्ट्रमंडल खेल आए, जहां उन्होंने 86.47 मीटर का सीजन-सर्वश्रेष्ठ प्रयास दर्ज किया, जो राष्ट्रमंडल खेलों की शुरुआत में ही स्वर्ण पदक को जीतने वाले भारतीय एथलीटों में से एक बन गए है।
Neeraj Chopra Biography in Hindi
2018 में, उन्होंने एक नया विश्व रिकॉर्ड बनाया और एशियाई खेलों में भाला फेंक में भारत का पहला स्वर्ण पदक जीता। उन्हें सितंबर 2018 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
चोपड़ा की कोहनी की चोट के कारण मई 2019 में मुंबई में सर्जरी हुई थी। स्वस्थ होने की अवधि के बाद, उन्होंने जर्मन बायोमैकेनिक्स विशेषज्ञ क्लॉस बार्टोनिट्ज़ के तहत नवंबर 2019 में दक्षिण अफ्रीका की यात्रा की थी।
COVID-19 महामारी के कारण, उन्होंने अगले वर्ष भारत में NIS पटियाला में प्रशिक्षण में बिताया।
यात्रा वीज़ा हासिल करने के हफ्तों के प्रयास के बाद, उन्हें अपने कोच के साथ फ्रांस की यात्रा करने की मंजूरी मिल गई।
उन्होंने 2021 के अपने अंतरराष्ट्रीय सत्र की शुरुआत 83.18 मीटर के थ्रो के साथ की, जिससे उन्हें पुर्तगाल के लिस्बन में एक कार्यक्रम में स्वर्ण पदक मिला।
ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतकर, चोपड़ा एथलेटिक्स में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय ओलंपियन और एथलेटिक्स में स्वतंत्रता के बाद के पहले भारतीय ओलंपिक पदक विजेता बने।
वह अभिनव बिंद्रा के बाद व्यक्तिगत ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने वाले केवल दूसरे भारतीय हैं, जिन्होंने 2008 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल में स्वर्ण पदक जीता था।
Neeraj Chopra Posting in the Indian Army
दक्षिण एशियाई खेलों में उनके प्रदर्शन से प्रभावित होने के बाद भारतीय सेना ने नीरज चोपड़ा को सेना के अंदर राजपूताना राइफल्स में जूनियर कमीशंड अधिकारी के पद के लिए तशरीफ़ की थी। और उसके बाद उनको नायब सूबेदार की Post दी गयी थी।
उन्हें औपचारिक रूप से 2016 में जेसीओ के रूप में शामिल किया गया था और उन्हें प्रशिक्षण के लिए छुट्टी दी गई थी।
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नीरज चोपड़ा : गोल्ड मेडल लिस्ट
2016: पोलैंड के अंदर विश्व U20 चैम्पियनशिप के अंदर – 86.48 मीटर थ्रो के साथ स्वर्ण
2018: फ्रांस में सॉटविले एथलेटिक मीट- 85.17m . के साथ गोल्ड
वर्ष 2018: फिनलैंड में सावो गेम्स के अंदर – 85.6 मीटर थ्रो के साथ गोल्ड
2018: ऑस्ट्रेलिया में राष्ट्रमंडल खेल के अंदर – 86.47 मीटर थ्रो के साथ स्वर्ण
वर्ष 2018: जकार्ता के अंदर एशियाई खेल में -88.06 मीटर थ्रो के साथ स्वर्ण
2021: टोक्यो के ओलंपिक खेल के अंदर – 87.58 मीटर थ्रो के साथ स्वर्ण
उन्होंने 2018 में अर्जुन पुरस्कार और गणतंत्र दिवस सम्मान 2020 में विशिष्ट सेवा पदक जीता है।
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Neeraj Chopra FAQ
नीरज चोपड़ा कौन है।
नीरज चोपड़ा एक भारतीय भाला फेंक (Javelin Throw) खिलाड़ी है।
नीरज चोपड़ा की उम्र कितनी है।
23 वर्ष
नीरज चोपड़ा के कोच कौन है।
नीरज चोपड़ा के मुख्य कोच का नाम उवे होन है जो की जर्मनी के पूर्व पेशेवर जैवलिन एथलीट है।
नीरज चोपड़ा का एथलीट क्षेत्र कौन सा है।
नीरज चोपड़ा का एथलीट क्षेत्र जैवलिन थ्रो है।
नीरज चोपड़ा की हाइट कितनी है।
नीरज चोपड़ा की हाइट 5 फुट 10 इंच है।
दोस्तों, आज हमने आपके साथ Share की है Neeraj Chopra Biography In Hindi आशा करता हूँ कि आपको इस Article से जरूर कुछ सीखने को मिला होगा,
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धन्यवाद 🙏
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