कपिल देव को भारत के महानतम क्रिकेट खिलाड़ियों में माना जाता है। ये भारत के पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी है। ये भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान के पद पर भी रह चुके है।
इनके नेतृत्व में भारतीय टीम ने पहली बार वर्ष 1983 में वर्ल्डकप जीता था। कपिल देव एक महान आलराउंडर खिलाड़ी थे। ये कुछ समय के लिए भारतीय टीम के कोच भी रह चुके है।
कपिल देव को हरियाणा तूफान के नाम से भी जाना जाता है। कपिल देव अपने स्वास्थ्य के बारे में बहुत जागरूक रहते थे। इस कारण से उन्हें कभी भी सेहत की वजह से टीम से बाहर नही किया गया।
वर्ष 2002 में विजडन ने कपिल देव को ‘सदी के भारतीय क्रिकेटर’ के रूप में चुना था। इसके अलावा इनको भारतीय क्रिकेट में योगदान देने के लिए भारत सरकार ने पद्म श्री और पद्मभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया था।
तो चलिए जानते है इस महान क्रिकेटर कपिल देव जी के बारे में विस्तार से। Kapil Dev Biography in Hindi.
Kapil Dev Biography in Hindi – कपिल देव की जीवनी
कपिल देव का जन्म
इनका का जन्म 6 जनवरी 1959 को चंडीगढ़, पंजाब में हुआ था। इनके पिता का नाम रामलाल निखंज था जो कि एक कॉन्ट्रैक्टर थे। इनकी माता का नाम राज कुमारी लाजवंती है जो कि एक गृहणी है।
कपिल देव सात भाई-बहन है जिनमे से तीन भाई और चार बहनें है। इनमे कपिल देव 6 वें नंबर पर थे। कपिल देव की पत्नी का नाम रोमी भाटिया है। इनका विवाह वर्ष 1980 में हुआ था और इनकी एक बेटी है जिसका नाम अमिया देव है।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा – Early Life and Education
आज़ादी से पहले कपिल देव का परिवार पाकिस्तान के रावलपिंडी में रहता था। लेकिन भारत-पाक के बंटवारे के बाद कपिल देव का परिवार भारत आकर रहने लगा था।
कपिल देव ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा चंडीगढ के D.A.V. कॉलेज से की थी। इसके बाद इन्होंने अपना स्नातक शिमला के सेंट एडवर्ड कॉलेज से पूरा किया था।
इनको बचपन से ही क्रिकेट खेलने का बहुत शौक था। इसी कारण से उन्होंने स्कूल के दिनों से ही क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था और लगातार क्रिकेट का अभ्यास करने लग गए थे।
इन्होने क्रिकेट के मशहूर कोच देश प्रेम आज़ाद की देखरेख में क्रिकेट को सीखा था। श्री देश प्रेम आज़ाद क्रिकेट के द्रोणाचार्य थे। कपिल देव को आलराउंडर खिलाडी बनाने में इन्होंने दिन रात एक कर दिए थे।
कपिल देव का क्रिकेट करियर – Kapil Dev Cricket Career
इन्होने अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत वर्ष 1975 में की थी। इन्होंने अपना पहला मैच हरियाणा की तरफ से पंजाब के खिलाफ खेला था।
इस मैच में कपिल देव ने 6 विकेट लिए थे और पंजाब टीम को केवल 63 रन पर ही रोक दिया था। इस मैच में कपिल देव ने शानदार प्रदर्शन करते हुए हरियाणा टीम को जीत दिलाई थी।
वर्ष 1976-1977 के दौरान उन्होंने अच्छा प्रदर्शन करते हुए जम्मू एंड कश्मीर के खिलाफ 8 विकेट लिए थे और 36 रन बनाये थे।
इसी दौरान इन्होंने बंगाल के खिलाफ खेलते हुए केवल 20 रन देकर 7 विकेट लिए थे।
कपिल देव के लगातार अच्छे प्रदर्शन के कारण उनको भारतीय क्रिकेट टीम में खेलने का मौका दिया गया। और उन्होंने अपना पहला अंतरराष्ट्रीय टेस्ट मैच वर्ष 1978 पाकिस्तान के खिलाफ खेला गया था।
वर्ष 1979-1980 के दौरान कपिल देव ने हरियाणा की तरफ से दिल्ली के विरुद्ध खेला था जिसमे उन्होंने 193 रन की नाबाद पारी खेलकर हरियाणा को जीत दिलाई थी। ये शतक उनके करियर का पहला शतक था।
कपिल देव की आत्मकथा
कपिल देव ने अपना पहला टेस्ट शतक वेस्टइंडीज के खिलाफ बनाया था। जिसमे उन्होंने 124 गेंद में 126 रन बनाए थे। इस मैच में इन्होंने 17 विकेट लिए थे।
इसके बाद कपिल देव ने पाकिस्तान के खिलाफ 6 टेस्ट मैचों की सीरीज 2 बार जीत दिलाई थी जिससे कपिल देव बहुत ज्यादा सुर्खियों में आ गए थे।
इसके बाद कपिल देव को वर्ष 1982 में भारतीय टीम का कप्तान बना दिया था और उनकी कप्तानी में पहली बार 1983 में टीम इंडिया ने विश्वकप जीता था।
इस मैच में कपिल देव ने 138 गेंद पर 175 रन बनाए थे। जिसमे उन्होंने 16 चौके और 6 छक्के लगाए थे। इस मैच का लाइव प्रसारण नही हो सका था क्योंकि इस वक्त बीबीसी हड़ताल पर थी।
यह कपिल देव की कप्तानी में भारतीय टीम का पहला वर्ल्डकप था। इससे पहले कोई भी कप्तान वर्ल्डकप भारत लाने में कामयाब नही हो पाया था।
वर्ष 1984 में भारत, वेस्टइंडीज से वनडे टेस्ट मैच सीरीज में बुरी तरह से हार गया था। इस कारण से कपिल देव को कप्तानी पद से इस्तीफा देना पड़ा और सुनील गावस्कर को भारतीय टीम का कप्तान बना दिया था।
कपिल देव की जीवनी
इसके बाद कपिल देव को वर्ष 1987 में दुबारा कप्तान बनने का मौका मिला। इस वर्ष के विश्वकप के दौरान भारत सेमीफाइनल में पहुंच गया था। लेकिन सेमीफाइनल में भारत, इंग्लैंड से हार गया था और लोगों ने कपिल देव पर खराब प्रदर्शन और हारने का आरोप लगा दिया। एक बार फिर कपिल देव से कप्तानी सुनील गावस्कर को दे दी गई थी।
इसके बाद उन्हें कप्तान बनने का मौका नही मिला हालांकि 1989 में उन्हें उपकप्तान बनने का मौका मिला था। और कपिल देव ने 1994 में क्रिकेट से सन्यास ले लिया था।
कपिल देव का कोच के रूप में सफर – Kapil Dev as Coach
वर्ष 1999 में कपिल देव भारतीय टीम के कोच के रूप में नियुक्त हुये थे और लगभग एक साल तक भारतीय टीम से जुड़े रहे। लेकिन कपिल देव पर मैच फिक्सिंग आरोप लगने लगे इस कारण से उन्होंने इस पद से त्यागपत्र दे दिया।
इसके बाद कपिल देव क्रिकेट के एक्सपर्ट के तौर पर कई चैंनलों पर नजर आने लगे थे। इसी के साथ कपिल देव स्पोर्ट चैनल्स के साथ बतौर कमेंट्रेटर भी जुड़ गये थे। आज भी कपिल देव कई चैनल्स पर कमेंट्री करते दिखाई देते है।
कपिल देव का सम्मान एवं उपलब्धियां – Kapil Dev Awards and Achievements
ये अपने बेहतरीन प्रदर्शन की वजह से कई बार सम्मानित हो चुके है। भारत को पहली बार वर्ल्डकप दिलाने का अचीवमेंट कपिल देव के पास ही है।
कपिल देव अपने समय के सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज थे। उन्होंने उस समय 434 विकेट लिए थे।
इनको क्रिकेट जगत के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने के कारण भारत सरकार ने उन्हें अर्जुन पुरस्कार से नवाजा था। यह पुरस्कार उन खिलाड़ियों को मिलता है जिन्होंने किसी भी खेल के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान दिया हो।
कपिल देव को भारत सरकार ने वर्ष 1982 में उनके क्रिकेट में अच्छे प्रदर्शन को देखते हुए सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म श्री से सम्मानित किया था।
यह सम्मान भारत सरकार द्वारा उन भारतीयों को दिया जाता है जिन्होंने अपने जीवन के विभिन्न क्षेत्रों जैसे कि, कला, शिक्षा, उद्योग, साहित्य, विज्ञान, खेल, चिकित्सा, समाज सेवा और सार्वजनिक जीवन आदि में विशिष्ट योगदान दिया हो।
कपिल देव की हिस्ट्री
इसके बाद कपिल देव को वर्ष 1991 में भारत सरकार ने उनकी क्रिकेट में लगन और मेहनत को देखते हुए पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया था।
यह पुरस्कार भारत सरकार द्वारा दिये जाने वाला दूसरा सर्वोच्च सम्मान है जो देश के लिये असैनिक क्षेत्रों में भारतीय द्वारा दिया जाने वाले बहुमूल्य योगदान के लिये दिया जाता है। यह सम्मान भारत के राष्ट्रपति द्वारा दिया जाता है। भारत रत्न के बाद यह सम्मान दूसरे स्थान पर आता है।
वर्ष 2002 में कपिल देव को विजडन ने “सदी के भारतीय क्रिकेटर” का खिताब दिया था।
वर्ष 2010 में आईसीसी क्रिकेट हॉल ऑफ फेम पुरस्कार से कपिल देव को नवाजा गया था।
कपिल देव के क्रिकेट में योगदान को कभी नही भुलाया जा सकता है। वहीं इस महान क्रिकेट खिलाड़ी से हर क्रिकेट खिलाड़ी को प्रेरणा लेनी चाहिए।
कपिल देव ने अपने अनुभवों से हमेशा भारतीय क्रिकेट टीम मनोबल बढाया है। इनके जैसे खिलाड़ी का भारतीय टीम में होना बहुत गर्व की बात है।
इस पोस्ट में हमने आपको Kapil Dev Biography in Hindi, Kapil Dev History, कपिल देव की आत्मकथा के बारे में बताया है। उम्मीद है आपको यह पोस्ट पसंद आई होगी।
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धन्यवाद
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