बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन ने जब अपना नया राष्ट्रपति उम्मीदवार चुना तो हर कोई हैरान रह गया क्योंकि एनडीए ने राष्ट्रपति के उम्मीदवार के लिए आदिवासी द्रौपदी मुर्मू को अपना नया राष्ट्रपति उम्मीदवार चुना और एनडीए ने यह तब किया है, जब देश के अंदर कोई भी आदिवासी समुदाय का इंसान राष्ट्रपति का उम्मीदवार नहीं बन पाया है ।
वैसे भी आदिवासी समाज से किसी भी व्यक्ति को देश के सर्वोच्च पद पर बैठाने के लिए हमेशा से ही मांग चलती आ रही है लेकिन अगर द्रोपति मुर्मू राष्ट्रपति पद के चुनाव को जीतती है तो वो देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति होंगी लेकिन क्या आप जानते हैं कि द्रौपदी मुर्मू का यहां तक का सफर बेहद ही मुश्किलों से भरा हुआ था।
Draupadi Murmu Biography in Hindi | द्रौपदी मुर्मू की जीवनी
भारत की प्रथम महिला राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा देवी सिंह पाटिल थी और उसके बाद भारतीय जनता पार्टी के द्वारा राष्ट्रपति पद के लिए नई उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को खड़ा किया है और जब से भारतीय जनता पार्टी के द्वारा द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद के नए उम्मीदवार की घोषणा की है, तब से हर व्यक्ति के मन में उनके बारे में जानने की जिज्ञासा तेजी से बढ़ी है।
दोस्तों अगर आप भी उन्हीं में से एक है और द्रौपदी मुर्मू जी के बारे में पूरी जानकारी जानना चाहते है कि किस तरह से उन्होंने फर्श से लेकर अर्श तक का सफर तय किया है तो आप बिल्कुल सही जगह पर है क्योंकि आज की इस पोस्ट में ” Draupadi Murmu Biography in Hindi ” के माध्यम से हम आपको द्रौपदी मुर्मू की जीवनी शेयर करने जा रहे है।
अगर आप किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे है तो आपके लिए द्रौपदी मुर्मू के बारे में जानना अति आवश्यक है और इसके अलावा अगर आप किसी भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी नही कर रहे है, तब भी आपको भारत के नए राष्ट्रपति उम्मीदवार की जानकारी होना आवश्यक है तो चलिए जानते है ‘Draupadi Murmu Biography in Hindi और उनकी कार्यशैली के बारे में।
द्रोपदी मुर्मू का जन्म और आरंभिक जीवन
झारखंड की पूर्व राज्यपाल रह चुकी द्रौपदी गुरु का जन्म 20 जून 1958 में झारखंड के मयूरभंज जिले में हुआ था। वो आदिवासी परिवार से से थी और उनके पिता का नाम बिरंची नारायण टूडू था।
अगर हम उनके व्यक्तिगत जीवन की बात करें तो उन्होंने अपने जीवन में काफी संघर्ष किया है उन्होंने अपने पति को खोया है और इसके अलावा द्रौपदी मुर्मू के दो बेटे थे. जिनको भी द्रोपति मुर्मू ने खोया है लेकिन उनके जीवन में आने वाली मुसीबतों का उन्होंने बड़े ही बहादुरी के साथ में सामना किया है।
एक आदिवासी परिवार से जुड़ी होने के बाद भी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए द्रौपदी मुर्मू ने खुद को लोगों के सामने इस तरह से प्रस्तुत किया है कि जब से उनको राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार घोषित किया है, तब से हर किसी के मन में उनको जानने की इच्छा बढ़ी है और इंटरनेट पर इनको बहुत ज्यादा सर्च भी किया जा रहा है।
द्रोपदी मुर्मू की शुरुआती शिक्षा
द्रोपदी मुर्मू और उनका परिवार जिस इलाके के अंदर रहता था। वहां पर एक विद्यालय था, जिसके अंदर उनके माता-पिता ने उनका एडमिशन करवाया और वहाँ से उन्होंने अपनी स्कूल की पढ़ाई उसी विद्यालय से पूरी की थी।
जब स्कूल की पढ़ाई पूरी हो गई थी तो उसके बाद अपनी आगे की पढ़ाई यानी ग्रेजुएशन के लिए उनके माता-पिता ने द्रौपदी मुर्मू को भुवनेश्वर शहर में भेज दिया था।
भुवनेश्वर शहर के अंदर एक महिला कॉलेज जिसका नाम रामा देवी था, उसके अंदर उन्होंने एडमिशन प्राप्त किया और उसके बाद अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई को उसी कॉलेज से पूरा किया था।
द्रौपदी मुर्मू ने जब अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी कर ली थी तो उसके बाद उनको उड़ीसा के अंदर बिजली डिपार्टमेंट के अंदर जूनियर असिस्टेंट की सरकारी नौकरी प्राप्त हुई थी लेकिन उन्होंने इस नौकरी को सिर्फ 4 साल ही किया था और उसके बाद एक एजुकेशन सेंटर के अंदर एक अध्यापक के तौर पर बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया था
और यह सिलसिला 1997 तक चला था लेकिन इसके बाद उन्होंने वहां पर बच्चों को पढ़ाना छोड़ दिया था, क्योकि उसके बाद वो भारतीय जनता पार्टी से जुड़ गई थी और उनका राजनीतिक जीवन शुरू हो गया था, जिसके अंदर उन्होंने बड़ी बड़ी कामयाबी को हासिल किया था।
द्रोपदी मुर्मू का राजनीतिक जीवन (Draupadi Murmu’s political life)
- साल 1997 के अंदर रायरंगपुर नगर पंचायत से पार्षद के चुनाव को जीत कर उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी।
- साल 2000 के अंदर उड़ीसा सरकार में मंत्री बनी थी।
- रायरंगपुर से दो बार द्रौपदी मुर्मू विधायक रह चुकी है।
- भारतीय जनता पार्टी के अंदर अनुसूचित जनजाति मोर्चा की उपाध्यक्ष रह चुकी है और इसके अलावा राष्ट्रीय कार्यकरणि की सदस्य भी रह चुकी है।
- झारखंड राज्य के अंदर राज्यपाल के पद पर पहली महिला द्रौपदी मुर्मू ही थी।
- साल 2007 के अंदर उड़ीसा विधानसभा द्वारा साल के सर्वश्रेष्ठ विधायक पद के लिए नीलकंठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
- द्रौपदी मुर्मू 18 मई 2015 को झारखंड की 9वी राज्यपाल बनाई गई थी और 12 जुलाई 2021 तक इस पद पर रही थी।
- अब आने वाले राष्ट्रपति पद के लिए भारतीय जनता पार्टी की तरफ से द्रोपदी मुर्मू चुनाव लड़ने जा रही है और अगर वह इस चुनाव को जीत जाती है तो भारत की दूसरी महिला राष्ट्रपति बन जाएंगी।
द्रौपदी मुर्मू का संघर्ष भरा जीवन
द्रौपदी मुर्मू की शादी श्याम चरण के साथ में हुई थी, जिसके बाद उनको दो पुत्र और एक पुत्री संतान की प्राप्ति हुई थी लेकिन अगर हम बात करें तो उनका राजनैतिक जीवन जितना अच्छा चल रहा है, उनका व्यक्तित्व जीवन उतना ही बुरा था, क्योंकि उन्होंने अपने पति को खोया है और इसके अलावा द्रौपदी मुर्मू ने अपने दोनों बेटों को भी खोया है, इसके अलावा उनकी एक बेटी है, जिसका नाम इतिश्री है और उनकी बेटी की शादी गणेश हेंब्रम नाम के व्यक्ति के साथ की गई है।
जिस इंसान के जीवन में इतना संघर्ष हो सकता है और उसके अलावा जिस इंसान ने अपने जीवन में अपने पति और बेटों को खोया है और उसके बावजूद भी उन्होंने जीवन में बहुत से संघर्ष किए हैं लेकिन उनकी हिम्मत की बदौलत वह आज इस मुकाम पर आ बैठी है कि अगर वो राष्ट्रपति पद के चुनाव को जीतती है तो भारत की दूसरी महिला राष्ट्रपति बनेगी जो कि अपने आप में एक बहुत ही गौरव की बात है।
द्रौपदी मुर्मू की राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार की घोषणा
हाल ही में भारतीय जनता पार्टी में द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार घोषित किया गया है जिसके बाद से हर कोई इंटरनेट पर इनके बारे में जानना चाह रहा है और जब लोगों को पता चला की द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद का नया उम्मीदवार घोषित किया गया है तो हर किसी को एक झटका सा लगा है क्योंकि एक आदिवासी जीवन से किस तरह एक महिला राष्ट्रपति पद तक के सफर को तय कर सकती है।
अगर आने वाले राष्ट्रपति पद के चुनाव के अंदर द्रौपदी मुर्मू जीत होती है तो भारत की प्रथम राष्ट्रपति महिला श्रीमती देवी प्रतिभा सिंह देवी पाटिल के बाद द्रोपदी मुर्मू ही भारत की महिला राष्ट्रपति बनेगी।
द्रौपदी मुर्मू कहती है कि जब उन्होंने अपने पति और दोनों बेटों को खोया था तो वो पूरी तरह से टूट चुकी थी और उनको समझ नही आ रहा था कि किस तरह से वो आगे बढ़े लेकिन उसके बाद उन्होंने उस भयानक समय से लड़ने के लिए ब्रम्हाकुमारी निर्मला का अनुसरण किया था, जिससे उनके जीवन को बहुत बड़ी ताकत मिली थी।
इस दुनिया में ऐसे लाखों लोग हैं जो अत्यधिक गरीबी का अनुभव कर रहे हैं और बहुत ही मुश्किलों का सामना कर रहे है, अगर वे लोग इनकी जीवनी को पढ़ते है, तो निश्चित ही उनके जीवन को एक नई दिशा और नई प्रेरणा मिल सकती है क्योंकि इन्होंने अपने जीवन में बड़ी बड़ी मुश्किलों को पार करके राजनीति के शिखर छुआ है और अगर ये भारत की नई राष्ट्रपति बनती है तो भारत देश को एक नई दिशा मिल सकती है।
आज के इस लेख के अंदर हमने आपके साथ में ” Draupadi Murmu Biography in Hindi ” के बारे में पूरी जानकारी दी है, अगर आपको इस पोस्ट की जानकारी अच्छी लगी है तो आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ में शेयर जरूर करें।
जब से द्रौपदी मुर्मू को भारतीय जनता पार्टी ने राष्ट्रपति पद का नया उम्मीदवार घोषित किया है, तब से लेकर बहुत से सवाल लोगों के मन में चल रहे है और उसी बात को ध्यान में रखते हुए हमने इस लेख को आपके साथ में साझा किया है, द्रौपदी मुर्मू के बारे में जितने भी सवाल है, उन सभी सवालों के जवाब हमने इस लेख के अंदर आपको दिए है।
FAQs
द्रौपदी मुर्मू कौन है ?
द्रौपदी मुर्मू एक भारतीय महिला राजनेत्री है, जिनको हाल ही में भारतीय जनता पार्टी में राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए द्रौपदी मुर्मू को नया उम्मीदवार चुना है।
द्रौपदी मुर्मू किस परिवार से ताल्लुक रखती है ?
द्रौपदी मुर्मू आदिवासी परिवार से ताल्लुक रखती है।
द्रौपदी मुर्मू के पति का नाम क्या है ?
श्याम चरण मुर्मू
झारखंड की पहली महिला राज्यपाल कौन है ?
द्रौपदी मुर्मू
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