आज की इस पोस्ट में हम आपको भारत में महिलाओं के कानूनी अधिकारों के बारे में बता रहे है।
अगर आप एक महिला है और भारत में रहते है तो आपको अपने कानूनी अधिकारों के बारे में जरूर जानना चाहिए। हमेशा से भारत में महिलाओं का शोषण होता रहा है उन्हें हमेशा से दबाया जाता रहा है।
यदि महिलाओं को अपने अधिकारों का पता चल जाए कि भारतीय कानून ने उनको क्या अधिकार दे रखे है तो उनको किसी से डरने की जरूरत नही है।
अगर किसी महिला के साथ कोई अत्याचार हो रहा है तो वो उस अत्याचार खिलाफ किस तरह से कारवाही कर सकती है, वो सभी बातें आज हम इस पोस्ट में बता रहें है।
तो चलिए जानते है भारत में महिलाओं के कानूनी अधिकारों कौन कौन से है। Women Legal Rights in Hindi
भारत में महिलाओं के कानूनी अधिकार – Women Legal Rights in Hindi
अधिकार 1 – अगर किसी महिला पर उसके पति या पति के घरवाले अत्याचार कर रहे है तो वह महिला घरेलू हिंसा कानून के तहत थाने में शिकायत दर्ज करा सकती है। इस कानून के तहत महिला गुजारे भत्ते की मांग भी कर सकती है।
Mahilaon ke kanuni adhikar
अधिकार 2 – यदि किसी महिला के साथ कार्यस्थल पर यौन शौषण होता है यानी महिला के इच्छा के विरुद्ध किसी तरह का शारीरिक संपर्क करना, यौन संबंधी बाते करना, अश्लील चित्र दिखाना आदि। अगर महिला के साथ इस तरह का बर्ताव कार्यस्थल पर होता है तो वह महिला यौन उत्पीड़न कानून के तहत अपनी शिकायत दर्ज करा सकती है।
Mahilao ke Adhikar
अधिकार 3 – कार्यस्थल पर महिलाओं को समान कार्य के लिए पुरुषों के बराबर वेतन पाने का अधिकार है, अगर इस तरह का भेदभाव आपके साथ हो रहा है तो आप शिकायत दर्ज करा सकती है।
Mahilao ke liye kanuni adhikar
अधिकार 4 – अगर कोई महिला गर्भपात कराने के लिए सहमत नही है तो कोई भी व्यक्ति उसको गर्भपात कराने के लिए बाध्य नही कर सकता है। अगर ऐसा होता है तो महिला कानूनी कार्रवाई कर सकती है।
महिलाओं से संबंधित नियम
अधिकार 5 – किसी भी कार्यस्थल पर महिलाओं को सूर्योदय से पहले और सूर्योदय के बाद काम करने के लिए बाध्य नही किया जा सकता है।
Mahilaon ke kanuni adhikar in hindi
अधिकार 6 – महिलाओं को अपने पिता की संपत्ति में बराबर का हिस्सा पाने का अधिकार है, इसके अलावा विधवा बहू का अपने ससुर की संपत्ति में बराबर का हिस्सा लेने का अधिकार है।
Mahilaon ke Adhikar in Hindi
अधिकार 7 – नौकरी पेशा महिलाओं को गर्भवती होने पर 6 महीने की मैटरनिटी लीव पाने का अधिकार है इस दौरान महिला के वेतन में कोई कटौती नही होती है।
अधिकार 8 – यदि कोई महिला किसी बच्चे को गोद लेना चाहती है तो इस काम में उसके पति की सहमति जरूरी है।
महिलाओं के सामाजिक अधिकार
अधिकार 9 – किसी भी महिला को सूर्योदय से पहले और सूर्योदय के बाद किसी भी तरह की पूछताछ के लिए पुलिस स्टेशन में रोका नही जा सकता है।
अधिकार 10 – अगर महिला आरोपी है तो पुलिस स्टेशन में पूछताछ करने या उसकी तलाशी के दौरान महिला पुलिस का होना अनिवार्य है।
महिलाओं से संबंधित कानून
अधिकार 11 – महिला अपराधी की मेडिकल जांच का प्रावधान महिला डॉक्टर का ही होता है। अगर महिला डॉक्टर अयोग्य है तो उसके सामने कोई पुरुष डॉक्टर मेडिकल जांच कर सकता है।
अधिकार 12 – अगर कोई महिला गवाह है तो उसको पुलिस स्टेशन आने के लिए कोई बाध्य नही कर सकता है। जरूरत पड़ने पर उससे पूछताछ के लिए पुलिस को ही उसके घर जाना होगा।
महिलाओं के सशक्तिकरण कानूनी अधिकार
अधिकार 13 – महिलाओं को मुक्त में कानूनी मदद लेने का अधिकार है और यह अधिकार सभी महिलाओं के लिए है।
अधिकार 14 – लिव इन रिलेशनशिप में महिलाओं को वही अधिकार प्राप्त है जो किसी विवाहित महिला को मिलता है।
महिलाओं के संवैधानिक अधिकार
अधिकार 15 – तलाकशुदा महिला को गुजाराभत्ता, स्त्रीधन और बच्चों की कस्टडी प्राप्त करने का पूर्ण अधिकार है लेकिन इसका फैसला साक्ष्यों के आधार पर अदालत ही करती है।
अधिकार 16 – अगर किसी महिला पर किसी भी तरह का अत्याचार या शोषण होता है तो वह महिला हेल्पलाइन नंबर 1091 पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकती है।
दोस्तों इस पोस्ट में हमने आपको महिलाओं के कानूनी अधिकारों / Women Legal Rights in Hindi के बारे में बताया है। उम्मीद है आप को यह जानकारी अच्छी लगी हो।
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