Think dearThink dear
  • Home
  • News
  • Entertainment
  • Fashion
  • Health
  • Tech
  • Tips
  • Travel
Facebook Twitter Instagram
  • Home
  • News
  • Entertainment
  • Fashion
  • Health
  • Tech
  • Tips
  • Travel
Facebook Twitter Instagram Pinterest
Think dearThink dear
Contact Us
Trending
  • Dhokebaj Shayari: धोखेबाज़ी का दर्द अल्फ़ाज़ों में
  • Gym Shayari in Hindi: फिटनेस का जज़्बा अल्फ़ाज़ों में
  • Sad Boy Shayari: उदास दिलों की बेआवाज़ दास्तान
  • Smoking Shayari: धुएँ में लिपटे जज़्बातों की आवाज़
  • Intezar Shayari in Hindi: इंतज़ार के जज़्बातों को अल्फ़ाज़ों में
  • Bhen Ke Liye Shayari: बहन के लिए प्यार भरे अल्फ़ाज़
  • Husband Ke Liye Shayari in Hindi: पति के लिए प्यार भरे अल्फ़ाज़
  • Shayari Wife Ke Liye: बीवी के लिए प्यार भरे अल्फ़ाज़
Think dearThink dear
You are at:Home»Chanakya Niti»चाणक्य नीति, सातवां अध्याय – Chanakya Niti in Hindi Seventh Chapter
Chanakya Niti

चाणक्य नीति, सातवां अध्याय – Chanakya Niti in Hindi Seventh Chapter

By VikramApril 18, 20216 Mins Read
Share Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Email Reddit Telegram WhatsApp
Chanakya Niti in Hindi Seventh Chapter
Share
Facebook Twitter LinkedIn Pinterest Reddit Telegram WhatsApp Email

आचार्य चाणक्य जी ने नीतिशास्त्र के अध्यायों में हर क्षेत्र की नीतियों के बारे में वर्णन किया है। इनके द्वारा बताई गई नीति भले ही कठोर हो, लेकिन यह नीति हमारे लाइफ की सच्चाई को बताती है।

इस भागदौड़ भरी जिंदगी में अक्सर हम लोग आचार्य चाणक्य जी के द्वारा बताए गए विचारों पर ध्यान नही देते है, लेकिन आज भी इनके विचार लोगों को अपने जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते है।

तो आइए पढ़ते है आज की इस पोस्ट में Chanakya Niti in Hindi Seventh Chapter के बारे में, जो कि आपको अपनी लाइफ में कामयाबी प्राप्त करने में मदद कर सकती है।

Chanakya Niti in Hindi Seventh Chapter – चाणक्य नीति, सातवां अध्याय

Chanakya Niti in Hindi Seventh Chapter चाणक्य नीति सातवां अध्याय

जो व्यक्ति बुद्धिमान होता है वह अपने धन के नाश के बारे में, अपने क्रोध के बारे में, अपनी पत्नी के दोषों के बारे में, किसी ठग के द्वारा अपने आप को ठगे जाने के बारे में और अपने अपमान के बारे में, किसी को नही बताता है।

जो आदमी धन और अन्न के लेनदेन में, शिक्षा प्राप्त करते समय, खाने में और काम धंधा करने में किसी भी तरह का संकोच नही करता है, वह आदमी हमेशा सुखी रहता है।

शांत स्वभाव के संतोषी आदमी को संतोष रूपी अमृत से जो सुख शांति प्राप्त होती है, वह शांति यहां वहां धन के लिए भटकने वाले लोभी आदमियों को नही प्राप्त हो सकती है।

हर आदमी को अपनी पत्नी, समय पर मिला हुआ भोजन और ईमानदारी से कमाया हुआ धन, इन तीनों के प्रति संतोष रखना चाहिए, परन्तु विद्या के अध्ययन, तप और दान दक्षिणा के प्रति कभी संतोष नही करना चाहिए।

दो ब्राह्मणों के मध्य से नही गुजरना चाहिए, ब्राह्मण और अग्नि के बीच से नही गुजरना चाहिए, जहां पति और पत्नी खड़े हो उनके मध्य से भी नही गुजरना चाहिए, एक गुरु और शिष्य के बीच में से भी नही गुजरना चाहिए, इसी प्रकार बैल और हल के बीच में से भी नही गुजरना चाहिए।

Chanakya Niti in Hindi Seventh Chapter

Chanakya Niti in Hindi Seventh Chapter

कभी भी अपने पैर से इनको नही छूना चाहिए – ब्राह्मण, गुरु, गाय, अग्नि, कुवांरी कन्या, बूढ़ा व्यक्ति और छोटे बच्चे।

बैलगाड़ी से पांच हाथ, घोड़े से दस हाथ, हाथी से हजार हाथ दूर रहने में इंसान की भलाई है, लेकिन दुष्ट प्रवृत्ति का इंसान जहां हो उस स्थान को छोड़ देने में ही आपकी भलाई है।

  • चाणक्य नीति, छठा अध्याय – Chanakya Niti in Hindi Sixth Chapter

एक हाथी को अंकुश से वश में करना चाहिए, एक घोड़े को अपने हाथ से थप थपा कर के काबू में करना चाहिए, सींग वाले पशु को डंडे से वश में करना चाहिए, ठीक इसी तरह एक दुष्ट व्यक्ति को हाथ में तलवार लेकर वश में करना चाहिए।

ब्राह्मण लोग भोजन से संतुष्ट होते है, एक मोर बादलों कि गर्जन से, साधु-संत दूसरे लोगों की खुशी और समृद्धि देखकर प्रसन्न रहते है, लेकिन एक दुष्ट प्रवृत्ति का आदमी दूसरों पर आई विपत्ति को देखकर प्रसन्न होते है।

अपने से ज्यादा शक्तिशाली दुश्मन को अनुकूल व्यवहार के द्वारा वश में करना चाहिए, एक दुर्जन स्वभाव के शत्रु से प्रतिकूल व्यवहार करके वश में करना चाहिए, इसी प्रकार अपनी शक्ति के बराबर शत्रु से विनम्रता से या बलपूर्वक जो भी उस समय उचित हो, अपने वश में करने की कोशिश करनी चाहिए।

Chanakya Niti in Hindi Seventh Chapter

Chanakya Niti in Hindi Seventh Chapter 1

एक राजा की शक्ति उसकी भुजाओं में होती है, एक ब्राह्मण की शक्ति उसके ज्ञान में होती है, ठीक इसी प्रकार एक स्त्री की शक्ति उसकी सुंदरता और मधुर वाणी में होती है।

किसी भी इंसान को ज्यादा सरल और सीधा नही होना चाहिए, क्योंकि अगर आप वन में जाकर देखते है तो पाएंगे कि सीधे वृक्ष ही पहले काटे जाते है और टेढ़े मेढे वृक्ष छोड़ दिए जाते है।

एक हंस वहां रहता है जहां सरोवर में पानी रहता है और जब सरोवर सुख जाता है तो हंस उस सरोवर को छोड़कर चला जाता है, लेकिन मनुष्य को हंसो के समान नही होना चाहिए जो अपने स्वार्थ की खातिर अपना स्थान बदलते है।

अपने द्वारा कमाए हुए धन का सही तरीके से उपयोग करना, उसका सही तरीके से लाभ उठना ही उसकी रक्षा करने जैसा है, जैसे किसी तालाब के पानी का बहते रहना ही उत्तम रहता है।

  • चाणक्य नीति, पांचवा अध्याय – Chanakya Niti in Hindi Fifth Chapter

जिस व्यक्ति के पास धन है, उसी के सब मित्र होते है, उसी के सब भाई बंधु होते है, पैसे वाले व्यक्ति को ही श्रेष्ठ व्यक्ति माना जाता है अर्थात वो ही आदरपूर्वक जीवन व्यतीत करता है।

Chanakaya Niti in Hindi Seventh Chapter

Chanakaya Niti in Hindi Seventh Chapter

जो लोग स्वर्ग से इस लोक में आते है उनमें चार लक्षण जरूर होते है, पहला दान दक्षिणा देने की प्रवृति, दूसरा मधुर वाणी बोलना, तीसरा देवताओं की पूजा करना और चौथा ब्राह्मण लोगों को भोजन देकर संतुष्ट करना।

इसी प्रकार जो लोग नरक से इस संसार में आते है उनमें ऊपर बताए गए लक्षणों के विपरित लक्षण होते है, जैसे वो लोग क्रोधी स्वभाव के होते है, हमेशा कठोर वाणी बोलते है, अपने सगे संबंधियों से बैर भाव रखते है, नीच लोगों की संगति में रहते है और नीच कुल वालों की सेवा करते है।

अगर कोई इंसान शेर की गुफा में जाता है तो उसे हाथी के माथे का मोती प्राप्त हो सकता है, लेकिन अगर वह एक लोमड़ी की गुफा में जाता है तो उसे बछड़े की पूंछ और गधे की हड्डी के अलावा कुछ नही मिलेगा।

अनपढ़ व्यक्ति का जीवन उस कुत्ते की पूंछ के समान होता है, जिससे न तो वह अपने शरीर के गुप्त अंगों को छुपा सकता है और न ही काटने वाले मच्छरों को उड़ा सकता है।

जिस व्यक्ति की वाणी में पवित्रता, मन में शुद्धता, इन्द्रियों पर संयम और प्राणियों पर दया भाव, यह सब लक्षण मोक्ष प्राप्त करने वाले व्यक्ति में जरूर होते है।

जिस तरह फूल में खुशबु होती है, तिलों में तेल होता है, लकड़ी में अग्नि होती है, दूध में घी होता है, गन्ने में गुड़ होता है, ठीक उसी प्रकार जीवों के शरीर में आत्मा और परमात्मा विद्यमान रहते है और इसे अपने विवेक से ही जाना जा सकता है।

इस पोस्ट में हमने आपको Chanakya Niti in Hindi Seventh Chapter के बारे में बताया है। उम्मीद है आपको यह चाणक्य नीति का सातवां अध्याय पसंद आया हो।

आपको चाणक्य नीति का यह सातवां अध्याय कैसा लगा, हमें कमेंट करके जरूर बताए और इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर शेयर जरुर करें।

  • चाणक्य नीति, चौथा अध्याय – Chanakya Niti in Hindi Forth Chapter
Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Reddit Telegram WhatsApp Email
Previous Articleचाणक्य नीति, छठा अध्याय – Chanakya Niti in Hindi Sixth Chapter
Next Article अपने बच्चों की परवरिश कैसे करें – Good Parenting Tips in Hindi
Vikram

A curious mind and passionate writer, Vikram channels his love for deep insights and candid narratives at ThinkDear. Exploring topics that matter, he seeks to spark conversations and inspire readers.

Related Posts

चाणक्य नीति, पहला अध्याय – Chanakya Niti in Hindi First Chapter

January 2, 2025

चाणक्य नीति, नवां अध्याय – Chanakya Niti in Hindi Ninth Chapter

January 2, 2025

चाणक्य नीति, दूसरा अध्याय – Chanakya Niti in Hindi Second Chapter

January 2, 2025
Add A Comment

No Comments

  1. Pingback: चाणक्य नीति, आठवां अध्याय - Chanakya Niti in Hindi Eight Chapter

  2. Pingback: चाणक्य के अनमोल सुविचार | Chanakya Quotes in Hindi

Leave A Reply Cancel Reply

Most Popular

Husband Ke Liye Shayari in Hindi: पति के लिए प्यार भरे अल्फ़ाज़

Shayari Wife Ke Liye: बीवी के लिए प्यार भरे अल्फ़ाज़

Khamoshi Sukoon Shayari: ख़ामोशी और सुकून की गहराई को छूने वाली शायरी

Tareef Shayari for Girl: उसकी खूबसूरती और मासूमियत की तारीफ में डूबी शायरी

Cute Girl Shayari: उसकी मासूमियत और नटखट अदा की प्यारी शायरी

Travel Shayari: सफ़र की मस्ती और ज़िंदगी के सफ़रनामे की शायरी

About Thinkdear

A Blog About News, Entertainment, Fashion, Sports, Travel, Tech, Tips, Motivational Articles, Amazing Facts, Hindi Quotes, Inspiration Stories, Self Improvement, Knowledge, Biography, History And Other Useful Contents.

For Any Inquiries Contact Us

Email: [email protected]

Our Pick

Cute Girl Shayari: उसकी मासूमियत और नटखट अदा की प्यारी शायरी

By VikramMay 13, 2025
Follow Us
  • Facebook
  • Twitter
  • Pinterest
  • Instagram
  • YouTube
Thinkdear.com © 2025 All Right Reserved
  • Privacy Policy
  • Contact Us
  • Sitemap

Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.